🌑 चंद्र ग्रहण 2025: तिथि, समय और पूरी जानकारी
प्रस्तावना
भारत में चंद्र ग्रहण हमेशा से एक खास खगोलीय घटना मानी जाती है। हर साल लोग बड़ी उत्सुकता के साथ इसका इंतजार करते हैं। साल chandra grahan 2025 भी बेहद खास होने वाला है क्योंकि इसमें भारत समेत कई देशों में लोग इसे देख पाएंगे। चंद्र ग्रहण एक प्राकृतिक घटना है, जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है और उसकी छाया चंद्रमा पर पड़ती है। इससे चंद्रमा का प्रकाश कम हो जाता है और वह आंशिक या पूर्ण रूप से ढक जाता है। इस बार के चंद्र ग्रहण 2025 को लेकर ज्योतिषीय और वैज्ञानिक दोनों दृष्टिकोण से खास बातें सामने आई हैं। इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे कि चंद्र ग्रहण कब लगेगा, उसका समय क्या होगा, कहां-कहां दिखाई देगा और आने वाले समय में इसके बारे में क्या खास जानकारी जानना जरूरी है।
2025 में चंद्र ग्रहण कब लगेगा?
साल 2025 में दो प्रमुख चंद्र ग्रहण लगने वाले हैं। पहला चंद्र ग्रहण 14 मार्च 2025 को होगा। यह एक पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा और इसे भारत समेत एशिया, यूरोप और अफ्रीका के कई हिस्सों में देखा जा सकेगा। दूसरा चंद्र ग्रहण 7 सितंबर 2025 को लगेगा, जो आंशिक चंद्र ग्रहण होगा और यह भी भारत में दिखाई देगा। इस प्रकार, chandra grahan 2025 भारत के खगोल विज्ञान प्रेमियों और ज्योतिष के अनुयायियों के लिए बेहद खास होने वाला है। ग्रहण केवल वैज्ञानिक दृष्टि से ही महत्वपूर्ण नहीं होता, बल्कि ज्योतिष के अनुसार भी इसका लोगों की जिंदगी पर असर पड़ सकता है। ग्रहण के दिन परंपरागत मान्यताओं के अनुसार, पूजा-पाठ और नए कार्यों की शुरुआत से बचने की सलाह दी जाती है। हालांकि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह केवल एक खगोलीय घटना है जिसका हमारे जीवन पर सीधा असर नहीं पड़ता।

7 सितंबर 2025 को चंद्र ग्रहण कब से शुरू होगा?
7 सितंबर 2025 को जो चंद्र ग्रहण 2025 लगेगा, वह आंशिक चंद्र ग्रहण होगा। इसकी शुरुआत भारतीय समयानुसार शाम को लगभग 6:05 बजे होगी। ग्रहण का मध्य चरण यानी सबसे बड़ा दृश्य लगभग 7:45 बजे होगा और यह पूरी तरह समाप्त रात 9:30 बजे तक हो जाएगा। इस ग्रहण के दौरान चंद्रमा का कुछ हिस्सा पृथ्वी की छाया से ढक जाएगा और इसे नंगी आंखों से आसानी से देखा जा सकेगा। ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार, ग्रहण शुरू होने से लगभग 9 घंटे पहले सूतक काल माना जाता है, जिसमें पूजा-पाठ और शुभ कार्यों को करने से बचा जाता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह ग्रहण खगोल विज्ञान के छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए अध्ययन का अच्छा अवसर होगा। लोग दूरबीन और टेलीस्कोप की मदद से चंद्रमा की सतह पर इस छाया को और स्पष्ट रूप से देख सकते हैं।
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2025 में चंद्र ग्रहण कब हुआ था?
साल 2025 का पहला lunar eclipse 2025 यानी पूर्ण चंद्र ग्रहण 14 मार्च को हुआ था। यह ग्रहण बेहद खास था क्योंकि इसमें चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी की छाया में आ गया था। भारत के कई हिस्सों में इसे देखा गया, खासकर रात के समय इसका दृश्य अद्भुत था। पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा लालिमा लिए दिखाई देता है, जिसे आम भाषा में "ब्लड मून" कहा जाता है। 14 मार्च 2025 के ग्रहण के समय भी ऐसा ही दृश्य देखने को मिला। यह नजारा आम लोगों और खगोल प्रेमियों दोनों के लिए यादगार बन गया। यह ग्रहण वैज्ञानिक दृष्टि से भी खास था क्योंकि इससे चंद्रमा की सतह पर पृथ्वी की छाया के फैलाव को देखा और मापा गया। दुनिया भर के खगोलशास्त्रियों ने इसे नोट किया और अध्ययन किया।

अगला चंद्र ग्रहण कब है?
2025 के बाद अगला चंद्र ग्रहण साल 2026 में लगेगा। इस बार कुल दो चंद्र ग्रहण होंगे। पहला चंद्र ग्रहण 3 मार्च 2026 को होगा, जो पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। यह ग्रहण भारत समेत दुनिया के बड़े हिस्से में दिखाई देगा। दूसरा चंद्र ग्रहण साल 2026 के अंत में 28 अगस्त 2026 को लगेगा। यह आंशिक चंद्र ग्रहण होगा। इसके दौरान चंद्रमा का केवल कुछ भाग पृथ्वी की छाया में आएगा। इस प्रकार, चंद्र ग्रहण 2026 time के अनुसार, साल 2026 खगोल विज्ञान प्रेमियों के लिए बेहद खास होने वाला है क्योंकि इसमें लोग दो बार चंद्र ग्रहण का साक्षी बनेंगे।
2026 में कितने चंद्र ग्रहण होंगे?
साल 2026 में कुल दो चंद्र ग्रहण होंगे। पहला ग्रहण 3 मार्च 2026 को होगा, जो पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा और यह भारत में साफ दिखाई देगा। दूसरा चंद्र ग्रहण 28 अगस्त 2026 को होगा और यह आंशिक चंद्र ग्रहण होगा। भारत में दोनों ग्रहण देखने का अवसर मिलेगा। पहला ग्रहण अधिक खास होगा क्योंकि यह "ब्लड मून" जैसा दृश्य प्रस्तुत करेगा। वहीं, दूसरा ग्रहण छोटा होगा लेकिन खगोलशास्त्रियों और शोधकर्ताओं के लिए महत्वपूर्ण रहेगा। इस प्रकार, chandra grahan 2026 in india लोगों के लिए खगोल विज्ञान की दृष्टि से एक बड़ा अनुभव होगा।
चंद्रग्रहण 2025 भारत में: तिथि और समय
- तारीख: यह पूर्ण चंद्रग्रहण भारत में 7–8 सितंबर 2025 की मध्यरात्रि में दिखाई देगा ।
- समय (भारतीय समयानुसार – IST):
- पेनुम्ब्रल चरण शुरू: रात्रि 8:58 बजे ।
- पूर्ण ग्रहण (Totality): रात्रि 11:00 बजे से 12:22 बजे तक — लगभग 82 मिनट तक चलेगा ।
- ग्रहण समाप्ति: लगभग 2:25 AM, 8 सितंबर को ।
सूतक काल (Sutak Time)
- प्रारंभ: ग्रहण के करीब 9 घंटे पहले, यानी दोपहर 12:57 बजे (या आसपास) से शुरू माना जाता है ।
- अंत: ग्रहण समाप्त होते ही सूतक काल भी समाप्त हो जाता है — लगभग 1:26 AM ।
चंद्रग्रहण के ज्योतिषीय प्रभाव (राशियों पर)
चंद्रग्रहण कुंभ राशि में लग रहा है, और राहु-चंद्र युति की स्थिति इसके साथ जुड़ी है, जिससे यह ज्योतिषीय दृष्टि से अशुभ योग माना जा रहा है ।
प्रभावित राशियाँ (नकारात्मक प्रभाव)
- वृषभ: स्वास्थ्य-आर्थिक परेशानियाँ, मानसिक तनाव
- मिथुन: उत्तराधिकार विषयक चिंता, पारिवारिक तनाव
- सिंह: वैवाहिक व पारिवारिक कलह की आशंका
- तुला: बढ़ता खर्च, कार्य में देरी, व्यावसायिक धोखाधड़ी
- कुंभ: दुर्घटना, शत्रु-प्रेरित बाधाएँ, करियर संबंधी समस्याएँ

FAQs
निष्कर्ष
साल 2025 और 2026 दोनों ही खगोल प्रेमियों के लिए बेहद खास होने वाले हैं। chandra grahan 2025 में दो बार चंद्र ग्रहण दिखाई देगा, जबकि 2026 chandra grahan में भी लोगों को दो अद्भुत नजारे देखने को मिलेंगे। जहां वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह अध्ययन का बेहतरीन अवसर है, वहीं ज्योतिषीय मान्यताओं में भी इसका खास महत्व है।

